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वीर सावरकर के संस्मरण (विनायक दामोदर सावरकर) संकलनकर्ता - डॉ एस एस तँवर एवं मृदुलता (एम ए ) संकटों के पराभव की कहानी बतलाने का आनंद अनु
मैं चीखती रही 'होल्ड मी-होल्ड मी'। लेकिन मेरी आवाज लहरों में गुम हो गई। करीब तीन बार लहरों ने मुझे बड़ी जोर से पीछे किया और फिर आगे
मैं मिट्टी को देखते हुवे भी नहीं देखती!! और घड़े को न होते हुवे भी देखती हूँ!! हे "बुद्ध"स्वरूप के अधिकारी प्रिय!! मैं यह कहना चाहती हूँ
मैं एक व्यवसायी या कहिये एक सफल व्यवसायी रहा हूँ। अपने जीवन में बहुत रुपया नाम इज्ज़त कमाई है। लेकिन कभी बाहर की दुनिया का भ्रमण ही नहीं कर पाया। अब
1 अंग छूटा- (कसम खाना) मैं अंग छूकर कहता हूँ साहब मैने पाजेब नहीं देखी। 2 अंग-अंग मुसकाना-(बहुत प्रसन्न होना)- आज उसका अंग-अंग मुसकरा रहा था।
उसे कोल्हू का बैल बना स्वयं मजे से खाता है ! कुदरत का रंगीन चस्मा हूँ मैं अचरज भरा एक करिश्मा हूँ मैं टी वी चेनल भी बार बार इन
3/25/2016इस ब्लॉग में मेरा उद्देश्य है की हम एक आम नागरिक की समश्या सभी के सामने रखे ओ चाहे चारित्रिक हो या देश से संबधित हो !आज हम कई धर्मो में कई जातियों में बटे
देवेंद्र महाकाव्य का आखिरी नायक कहानी देवेंद्र की कहानियाँ - महाकाव्य का आखिरी नायक
मैं मन ही मन बोली 'तू बड़ा श्याणा है तो मैं कम हूँ क्या कक्कू' 🙂 28 635308 77 224960 Posted in किस्सा-कहानी fiction and tagged हल्का-फुल्का humor wit
बची-खुची भक्ति भी ख़त्म हो जायेगी यदि--- रामकुमार सेवक सत्संग के मंच से फलां व्यक्ति विचार करने वाला है वह अंदर से में बहुत गंदे विचारों और कर्मो वाला
इस ब्लॉग में मेरा उद्देश्य है की हम एक आम नागरिक की समश्या सभी के सामने रखे ओ चाहे चारित्रिक हो या देश से संबधित हो !आज हम कई धर्मो में कई जातियों में बटे
11/4/2012उसकी इस हरकत पै एस पी सॅाब छो मैं आये पर तेल्ली रे तेल्ली तेरे सिर पे कोल्हू जोगा तो जोड़ ही दिया ) rana1 June 17th 2012 01 48 PM
जब मैं था तब गुरु नहीं अब गुरु हैं मैं समय बेहतर हो खाने पर ध्यान दिया जाय न कि टी वी पर। एस प्रबन्ध प्रणाली अपनायें ।
जब मैं था तब गुरु नहीं अब गुरु हैं मैं समय बेहतर हो खाने पर ध्यान दिया जाय न कि टी वी एस प्रबन्ध प्रणाली अपनायें
ग्लोबल ट्रेड ऑनलाइन लिमिटेड विश्व व्यापी आयात / निर्यात व्यापार डेटा और खुफिया समाधान प्रदान करने में विशिष्ट है। वे डेटा आधिकारिक चैनलों से हैं
11/4/2012उसकी इस हरकत पै एस पी सॅाब छो मैं आये पर तेल्ली रे तेल्ली तेरे सिर पे कोल्हू जोगा तो जोड़ ही दिया ) rana1 June 17th 2012 01 48 PM
तो इन्हीं सब स्थितिओं के साथ 21 अक्टूबर को मैं कोलकाता के नेताजी जी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डे से उड़ान भरा तो कोई दो घंटे बाद पोर्ट ब्लेयर आ गया। इसे वीर
04 11 2012जी मैं आवै वो-ए करैगा उसकी इस हरकत पै एस पी सॅाब छो मैं पर तेल्ली रे तेल्ली तेरे सिर पे कोल्हू जोगा तो जोड़ ही दिया ) rana1
उपन्यास सात आसमान कैसी आगी लगाई रात में जागने वाले पहर-दोपहर मन माटी चहारदर फिरंगी लौट आये जिन्ना की आवाज वीरगति नाटक जित लाहौर नईं वेख्या वो जन्