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घर की औरतें दिन भर कोल्हू के बैल की तरह जुटी रहें और घड़ी भर को आँख लग जाए तो उन्हें झिंझोड़कर जगा दिया जाता हैऐसे पत्थरदिल हैं लोग!" "तुम्हारी सासू मां
बिजली को लेकर कुछ नये प्रयोग बिजली के क्षेत्र में अनुसंधान की व्यापक संभावनायें हैं। हम आज भी लगभग उसी आधारभूत तरीके से बिजली उत्पादन व वितरण कर रहे
पेशे से भारतीय प्रशासनिक सेवा में वरिष्ठ पद शिक्षा से इंजीनियर मगर शौक से हिंदी साहित्य के पढ़ाकू एक मित्र ने अचानक प्रश्न उछाला कि क्या हिंदी में कहा
पाठक की टिप्पणियां लवली एसेट-लाइट नहीं है। यह 3 से 5 वर्षों के लिए अपने गुणों को किराए पर लेता है इसलिए
अपील के बावजूद शहर में लाॅकडाउन का पूरी तरह से पालन नहीं प्रसव की सही तिथि क्या है? कैसे पता चलेगा ? (आपकी आवाज-सबसे विश्वसनीय क्षेत्रीय न्यूज पोर्टल) शह�
सरकारी मुलाजिम तो यों ही बदनाम होते हैं यह कोई नई बात थोड़े ही है। बचा कैसे उठ बैठे थे। समझा होगा उल्लू फंसा। अगर 6 दिन के उपवास करने से पांच हजार मिले तो
'नई कहानी ' की प्रशंसा करते हुए डॉ नामवर सिंह ने इसे ' हिंदी कहानी की एक शुरूआत कहा है। ' लेकिन इसके बाद साहित्य में बड़े परिवर्तन की स्थिति आती है। सन्
पूर्वाभास पर आपका हार्दिक स्वागत है। 2012 में पूर्वाभास को मिशीगन-अमेरिका स्थित 'द थिंक क्लब' द्वारा 'बुक ऑफ़ द यीअर अवार्ड' प्रदान किया गया। 2014 में मेरे
22 अक्टूबर 2018 को भारत के निवेश संवर्धन निकाय इन्वेस्ट इंडिया ने सतत विकास में निवेश को बढ़ावा देने में उत्कृष्टता के लिए संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार जीता
० अरविंद तिवारी बी कानेर न केवल साहित्य की उर्वर भूमि है बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए पूरे भारत में जाना जाता है। रंगकर्म से लेकर आर्ट गैलरी में
कोल्हू का बैल (दिन-रात काम में जुटे रहना) मोहन दिन-रात कोल्हू के बैल की तरह काम में जुटा रहता है फिर भी उसे समय से पारिश्रमिक नहीं मिलता। उन्नीस-बीस का
कोल्हू में जुट तेल पेरते सावरकर से बलिदानी को। याद करें बहरे शासन को बम से थर्राते आसन को भगतसिंह सुखदेव राजगुरू के आत्मोत्सर्ग पावन को। अन्यायी से ल
डॉ योहाना बडविग का परिचय और उनकी महान खोज डॉ योहाना बडविग (जन्म 30 सितम्बर 1908 – मृत्यु 19 मई 2003) विश्व विख्यात जर्मन जीव रसायन विशेषज्ञ और चिकित्सक थी
इन्वेस्ट इंडिया ने सतत विकास में निवेश को बढ़ावा देने में उत्कृष्टता के लिए संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार जीता i 22 अक्टूबर 2018 को भारत के निवेश संवर्धन निकाय
कोल्हू में जुट तेल पेरते सावरकर से बलिदानी को। याद करें बहरे शासन को बम से थर्राते आसन को भगतसिंह सुखदेव राजगुरू के आत्मोत्सर्ग पावन को। अन्यायी से ल
तेरे चरणों में पहले ही मैं अपना मन इन्हें यहां कोल्हू में बैल की तरह जुत कर सरसों व नारियल आदि का तेल निकालना होता था। इसके अलावा उन्हें जेल के साथ लगे �