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लेकिन आदमी की आदत होती है खुद को खास बनाने की और जैसे ही यह भाव आता है हम अपने कर्तव्य से हटकर खुद ही के बारे में चिंता पालने लगते हैं
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वी एस नायपॉल के महत्वपूर्ण उपन्यास ' आधा जीवन ' (Half a Life) का तीसरा और अंतिम भाग प्रस्तुत है इसका अनुवाद जय कौशल ने किया है यह
जोगी तु क्यों आया मेरे द्वारा। तेरी आंखों में नहीं दिखता सपनों का अब वो संसार। जोगी तु क्यों आया मेरे द्वार
बेशक बिना लयात्मक्ता के कला निर्जीव होती है परन्तु मेरे हिस्से वाले जीवन में यदि कुछ अनुपस्थित है तो देह और देह की लय को निहारने की
11/10/2019Harivansh Rai Bachchan Poems अर्थात इस आर्टिकल में आप पढेंगे हरिवंशराय बच्चन की कविताएँ हरिवंशराय बच्चन हिन्दी भाषा के एक सर्वोताम्म अवम श्रेष्ठ कवी थे
कुल्लू से मेरी दूरी 40 किमी की है। व्यास जिसे नद होने का गौरव प्राप्त है के दोनों किनारों पर बने सुंदर सड़क मार्ग यात्रियों को मुझ तक पहुंचाते हैं
तेनाली राम की कहानियॉ अन्तिम इच्छासमय के साथ-साथ राजा कॄष्णदेव राय की माता बहुत वॄद्ध हो गई थीं। एक बार
गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है। * असाध्य रोगों को दु�
सृजन-मूल्यांकन के इस विशेषांक की कीमत है सौ रुपये इसे हर उस पाठक को पढ़ना चाहिए जो साहित्यकार बनने के सपने देखता है
भय शीत आदि के कारण शरीर में होने वाली थर्राहट जिसमें एक प्रकार की स्वरता होती है कंपन।---- कंबल पुंलिंग----
समालोचन साहित्य की वेब पत्रिका है प्रकाशन के लिए स्तरीय अप्रकाशित रचनाएँ ही विचारयोग्य हैं प्रकाशन के लिए रचनाएँ वर्ड फाइल तथा यूनिकोड हिंदी फॉट
उपेक्षा न होती तो परिवार का स्तर यों न गिरता काम करता है और लोग देर सबेर में समझ ही जाते है कि सृजन की उपलब्धियाँ ही काम आती हैं
3/26/2012कफ़न प्रेमचंद द्वारा रचित कथासंग्रह है। इसमें प्रेमचंद की अंतिम कहानी कफन के साथ अन्य १३ कहानियाँ संकलित हैं। पुस्तक में शामिल प्रत्येक कहानी मानव
सच्चा सुख पुस्तक से - Sachha Sukh pustak se मनुष्य को विकारी आकर्षण ने तुच्छ बना दिया है। जिनके जीवन में संयम है नियम है ऐसे इन्द्रियों को संयत करने वाले लोग सब भूतों
अरिहंत प्रभु की श्वांस सुगंधित होती है । वे हरेक को धर्म से जोड़ते हैं वृक्ष को पत्थर मारो फिर भी वह फल देता है । पशु पक्षियों को मारा
10/1/2012इस कीमत पर वे दोनों चीजें एक आदमी ने झट से खरीद लीं। तेनाली राम ने पंडित जी की हथेली पर एक आना रख दिया जो घोड़े की कीमत के रूप में उसे
तुम्हें क्या ऐसी अधीरता होती है कभी मणि?' खड़ा होने पर वह एक छोटे-से पेड़ के बराबर होता था। तुमने खान से निकले हुए पौधे भी पत्थर की
कोल्हू मशीन का इस्तेमाल किया और नया
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