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मेरे साथ उनकी खूब छनती थी। वय वरिष्ठ होने के बावजूद कोल्हू के पेरे सरसों के तेल में जिसके एक सिरे पर आग होती है और दूसरे
जंगल में मंगल बस्ती में कड़ाका। उपयुक्त स्थान पर उपयुक्त काम न होना जंगल में उत्सव हो रहा है और बस्ती में सन्नाटा है
07 08 2013सभी समस्याओ के समाधान माँ बगलामुखी के मंत्र तंत्र अनुष्ठान जप हवन द्वारा किया जाता है हमारे यहाँ सभी प्रकार की समस्याओं के निवारण हेतु अनुष्ठान किये
विनायक सावरकर का जन्म महाराष्ट्र में नासिक के निकट भागुर गांव में हुआ था। इनकी माता जी का नाम राधाबाई तथा पिताजी का नाम दामोदर पन्त सावरकर था। इनके दो
यह छोटी सी कहानी मैं कहता हूं। और जिंदगी की धुरी करीब-करीब ऐसी मूर्खताओं के पड़ता एक कोल्हू का बैल इस दूसरे के साथ
गेम्सकनी की निश्चित अग्नि प्रतीक नायक गैर-विरासत सूची। पता करें कि सबसे अच्छे पात्र कौन से हैं और क्या उन्हें इतना अच्छा (या बुरा) बनाता है।
पूर्वाभास पर आपका हार्दिक स्वागत है। 2012 में पूर्वाभास को मिशीगन-अमेरिका स्थित 'द थिंक क्लब' द्वारा 'बुक ऑफ़ द यीअर अवार्ड' 'बुक ऑफ़ द
अब क्या कहें श्रीमतीजी को देशभर में महामारी फैली है लोगों को खाना नहीं मिल रहा और इन्हें अपने स्वाद की पड़ी है
वह सुनहरा स्वप्न जिसके बीज बोये नित नयन डोरियों से बँध धुरी की चल रहे हैं वृत्त में कोल्हू के पथ से जुड़ लर ही रहीं यात्रायें
राहू और केतु को इस नभ मंडल के दो बिंदुओं कि संज्ञा दी गई है। दूसरे शब्दों में राहू और केतु कि धुरी पर ही संपूर्ण नभ मंडल भ्रमण कर रहा है। यदि जन्मांक में
मेरे साथ उनकी खूब छनती थी। वय वरिष्ठ होने के बावजूद कोल्हू के पेरे सरसों के तेल में जिसके एक सिरे पर आग होती है और दूसरे
जिसके केवल दर्शन से ही सारी विपदा दूर गई॥ तन में साई मन में साई साई-साई भजा करो। अपने तन की सुधि-बुधि खोकर सुधि उसकी तुम किया करो॥
अनेकार्थी शब्द का अर्थ है- अनेक अर्थों वाला शब्द अर्थात् ऐसे शब्द जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं अनेकार्थी शब्द Anekarthi shabd कहलाते हैं। उदहारण
यह छोटी सी कहानी मैं कहता हूं। और जिंदगी की धुरी करीब-करीब ऐसी मूर्खताओं के पड़ता एक कोल्हू का बैल इस दूसरे के साथ
बिजली को लेकर कुछ नये प्रयोग बिजली के क्षेत्र में अनुसंधान की व्यापक संभावनायें हैं। हम आज भी लगभग उसी आधारभूत तरीके से बिजली उत्पादन व वितरण कर रहे
अब क्या कहें श्रीमतीजी को देशभर में महामारी फैली है लोगों को खाना नहीं मिल रहा और इन्हें अपने स्वाद की पड़ी है
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जंगल में मंगल बस्ती में कड़ाका। उपयुक्त स्थान पर उपयुक्त काम न होना जंगल में उत्सव हो रहा है और बस्ती में सन्नाटा है
वर्तमान युग की 'पूर्ण भौतिकवादी' सभ्यता की अत्यंत तेज़ व चमकीली रौशनी के चकाचौंध और भोग-विलास की मादकता में आमतौर पर जीवन व्यतीत करने का सही रास्ता